राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय यानि ED की एंट्री हो गई है। ED के अधिकारियों ने मंगलवार को राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री और गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव के आवास समेत कई जगहों पर छापेमारी की। ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पड़े हैं। हालांकि, राजेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया।
यादव ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम ने कोटपुतली-बहरोड़ में उनके आवास और दूसरे परिसरों पर तलाशी ली है। उन्होंने कहा कि पिछले साल इनकम टैक्स विभाग ने उनके परिसर पर तलाशी अभियान चलाया था और अब ED आ गई है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “हर किसी को बिजनेस करने का अधिकार है। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। ईडी कार्रवाई कर दबाव बढ़ा रही है। हमने कोई भ्रष्टाचार या गलत काम नहीं किया है। मेरे दोनों बेटों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं।”
राजेंद्र यादव ने आगे कहा कि ईडी की टीम ने आज उनके बेटों के आवासों पर भी तलाशी ली।
मंत्री ने कहा, “सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता। ये सब रिकॉर्ड पर है। मेरे बेटे बिजनेस करते हैं। हम सालों से व्यवसाय कर रहे हैं। ये कार्रवाई केंद्र सरकार की नीति और मंशा को दर्शाती है।”
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों की तरफ से इस तरह की कार्रवाई की जाती है।
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मंत्री बोले: मैं अपना शोषण नहीं होने दूंगा
अशोक गहलोत के मंत्री ने कहा, “मैं कानूनी लड़ाई लड़ूंगा, पार्टी मेरे साथ है। मैं अपना शोषण नहीं होने दूंगा।”
उन्होंने कहा कि ईडी ने मिड डे मील के लिए सामग्री की सप्लाई के संबंध में तलाशी ली है। लेकिन न तो वह और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य मिड डे मील में सप्लायर था। उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
यादव ने यह भी कहा कि उन्हें किसी विदेशी कंपनी से कोई फंड प्राप्त नहीं हुआ है।
जब उनसे पूछा गया कि यह दबाव बनाने की राजनीति है या उन्हें बदनाम करने की तो उन्होंने कहा, ‘दोनों बातें हैं।’ उन्होंने कहा, “कुछ लोग हैं, जो ईडी की कार्रवाई पर आज ‘दिवाली’ मना रहे हैं।”
मंत्री पर क्या हैं आरोप?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाम न छापने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि कोटपुतली, जयपुर, बहरोड़ और विराटनगर में मंत्री, उनके सहयोगियों और उनके व्यवसायों से जुड़े लगभग 10 जगहों पर छापे मारे गए।
Hindustan Times की एक रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से कहा गया कि मंगलवार की छापेमारी मिड डे मील योजना में खामियों से जुड़े एक केस से जुड़ी थी। हालांकि, उन्होंने विस्तार से ये नहीं बताया कि वे गड़बड़ियां क्या थीं।
मंत्री पर ये आरोप लगाया गया है कि उनसे जुड़ी एक कंपनी ने 2018 में मिड डे मील के लिए स्कूलों को घटिया क्वालिटी वाले प्रोडक्ट की सप्लाई की।