केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को टिकट देने पर कांग्रेस की आपत्ति पर मंगलवार को सवाल उठाया। तोमर मध्य प्रदेश बीजेपी की चुनाव अभियान समिति के संयोजक भी हैं। एक सवाल के जवाब में तोमर ने कहा कि सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं, चाहे वह केंद्रीय मंत्री हों या सांसद। साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने उन्हें भी उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाया है।
तोमर ने कहा, “पार्टी की केंद्रीय समिति ने फैसला किया है कि ये लोग चुनाव लड़ेंगे। जब निर्णय हो चुका है और इसका पालन किया जा रहा है, तो कांग्रेस को इस पर आपत्ति क्यों है?’
ये पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उनकी उम्मीदवारी के बारे में उन्हें पहले से बताया गया था, तोमर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी थी, क्योंकि पार्टी ने टिकट तय करने से पहले चर्चा की थी।
उनसे पूछा गया कि क्या और भी सांसद विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा कि आगे देखिए, क्या होता है।
‘न जन है, न आक्रोश’
बीजेपी की तरफ से सात लोकसभा सदस्यों को विधानसभा चुनाव में उतारने के बाद कांग्रेस ने दावा किया है कि ये सत्तारूढ़ दल का डर दिखाता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर तोमर ने अपनी पार्टी की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से डर गई है और विपक्षी दल के पास कोई मुद्दा नहीं है।
उन्होंने कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा को असफल करार देते हुए कहा, “इस मार्च में न तो जन हैं, न ही कोई आक्रोश है।”
सोमवार को बीजेपी की 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी हुई। इसमें बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास (ST), प्रह्लाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर से और नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी से टिकट दिया गया है।
नाम बड़े और दर्शन छोटे: कमलनाथ
बीजेपी की तरफ से मौजूदा लोकसभा सदस्यों को टिकट देने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने दावा किया कि ये प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के हार स्वीकार करने जैसा है और उसने ‘झूठी उम्मीद का आखिरी दांव’ खेला है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “दूसरी लिस्ट पर एक ही बात फिट है- नाम बड़े और दर्शन छोटे। बीजेपी ने मप्र में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि BJP न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न 2024 के लोकसभा चुनाव में।”
दूसरी लिस्ट पर एक ही बात फिट है- नाम बड़े और दर्शन छोटे। भाजपा ने मप्र में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि भाजपा न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 26, 2023
उन्होंने कहा, “इसका सीधा मतलब ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है कि चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अपने को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली बीजेपी को जब आज ये दिन देखने पड़ रहे हैं कि उसको लड़वाने के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं, तो फिर वोट देने वाले कहां से मिलेंगे। बीजेपी आत्मविश्वास की कमी के संकटकाल से जूझ रही है। अबकी बार बीजेपी अपने सबसे बड़े गढ़ में, सबसे बड़ी हार देखेगी।“
कमलनाथ ने दावा किया, “कांग्रेस बीजेपी से दोगुनी सीट जीतने जा रही है। बीजेपी की डबल इंजन की सरकार डबल हार की ओर बढ़ रही है।”