भारतीय जनता पार्टी ने बड़े चौंकाते हुए, सोमवार देर शाम मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि पार्टी ने अपने कई मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों और कुल सात सांसदों को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते और पार्टी के कई दूसरे सांसदों को उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में जगह दी है।
मंत्रियों के अलावा जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है, उनमें राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। ये सभी लोकसभा के सदस्य हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ेंगे।
विजयवर्गीय को मैदान में उतारने के फैसले से उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को फिर से पार्टी का टिकट दिए जाने की संभावना कम हो गई है। क्योंकि बीजेपी आम तौर पर चुनाव में एक ही परिवार के सदस्यों को अपना उम्मीदवार बनाने से बचती है। आकाश ने 2018 में इंदौर-3 सीट से चुनाव जीता था।
केंद्रीय मंत्री तोमर को दिमनी निर्वाचन क्षेत्र से, पटेल को नरसिंहपुर से और कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा गया है।
कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर, पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने के बीच राज्य में सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश को रेखांकित किया है।
इनमें से ज्यादा नेता अपनी लोकसभा सीट पर कई बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं।
दूसरी लिस्ट के साथ, बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीट में से 78 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित हैं।
पार्टी ने पिछले महीने 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की थी।
‘राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा’
Hindustan Times ने अपनी रिपोर्ट में पार्टी के एक पदाधिकारी के हवाले से बताया कि केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला पार्टी आलाकमान ने लिया है। चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए ये कदम उठाया गया है।
पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “पार्टी आलाकमान ने सांसदों और मंत्रियों को चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। कुछ मंत्री जो राज्यसभा सदस्य हैं, उन्हें भी चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।”
एक और बीजेपी नेता ने कहा कि पार्टी को ये भी उम्मीद है कि वो वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारकर अपने विधायकों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को खत्म कर देगी।
उन्होंने आगे कहा, “ये सामूहिक नेतृत्व को भी मजबूत करेगा और जाति संतुलन की चिंताओं को दूर करेगा, साथ ही अब अलग-अलग समूहों का प्रतिनिधित्व भी होगा।”
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को 109 सीट मिली थीं। हालांकि, कुछ विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई थी। मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नए कार्यकाल के साथ बीजेपी सत्ता में लौटी थी।