लोकसभा ने बुधवार को ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी। इस विधेयक में लोकसभ और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इससे जुड़े ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर सदन में करीब आठ घंटे की चर्चा हुई। विधि और न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के जवाब के बाद वोटिंग से इसे मंजूरी दी गई। विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े और विरोध में 2 वोट पड़े।
विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने विधेयक के पारित होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि इससे महिला सशक्तिकरण होगा। राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी और भी ज्यादा भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
मोदी ने X पर किए गए एक पोस्ट में कहा, “लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के इस तरह के अभूतपूर्व समर्थन के साथ पारित होने पर खुशी हुई।”
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ नए सदन की शानदार शुरुआत हुई है। इससे महिलाओं के नेतृत्व में विकास को अभूतपूर्व गति मिलने वाली है। इसे जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। मैं सभी…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2023
पीएम ने इस विधेयक के समर्थन में मतदान करने वाले सभी दलों के सांसदों के प्रति आभार जताया। उन्होंने इस विधेयक को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। PM मोदी ने कहा कि विधेयक कानून की शक्ल लेने के बाद महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा, “यह हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं को और भी ज्यादा भागीदारी करने में सक्षम बनाएगा।”
विरोध में किसने डाले दो वोट?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने बिल के खिलाफ वोट किया होगा। क्योंकि AIMIM ने बिल का विरोध किया था। अपनी बहस के दौरान औवैसी ने कहा कि ये बिल केवल सवर्ण महिलाओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगा।
विपक्षी दलों ने बुधवार को मांग की कि सरकार प्रस्तावित कानून को “तुरंत” लागू करे। इस कानून का लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिलाओं तक पहुंचाने के लिए जाति जनगणना कराए।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है। इस विधेयक के पारित होने से हम खुश हैं, लेकिन एक चिंता भी है। मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं- भारतीय महिलाएं पिछले 13 सालों से अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उन्हें कुछ और सालों तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। कितने साल? 2 साल, 4 साल, 6 साल, 8 साल? क्या भारतीय महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार सही है?”
कब लागू होगा कानून? अमित शाह ने बताया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि महिला सशक्तिकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए “कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं” है।
विपक्ष के सवाल और आपत्तियों पर उन्होंने जोर देकर कहा कि जनगणना और परिसीमन 2024 के लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद शुरू होगा। साथ ही उन्होंने विपक्ष से महिला आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से समर्थन देने की भी अपील की। हालांकि, गृह मंत्री ने ये भी कहा, “कमियां, अगर कोई हैं, तो बाद में ठीक की जा सकती हैं।”
इस विधेयक में महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट रिजर्व रखने का प्रावधान है। विधेयक के अनुसार, ये अगली जनसंख्या जनगणना के पूरा होने के बाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद लागू होगा।
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