आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शनिवार को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की जनता से वादा किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है, तो वह प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में ‘पेसा’- पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरियाज एक्ट (PESA Act) लागू करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस वक्त अनंतनाग में सेना के तीन अधिकारियों की शहादत की दुखद खबर आई, उस समय दिल्ली में बीजेपी के मुख्यालय में जश्न मनाया जा रहा था।
बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने इंडिया-भारत नाम वाले विवाद और ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोला।
केजरीवाल ने कहा “हम गारंटी देते हैं कि अगर AAP राज्य में सत्ता में आती है, तो आदिवासियों के हित में और उनके ‘जल, जंगल, जमीन’ की रक्षा के लिए काम करेगी। सरकार बनने के एक महीने के भीतर पेसा कानून लागू किया जाएगा। ग्राम सभा को सभी अधिकार दिए जाएंगे।”
केजरीवाल ने पिछले महीने रायपुर में नौ वादों वाला वाला ‘गारंटी कार्ड’ जारी किया था। उन्होंने कहा था कि 10वीं गारंटी किसानों और आदिवासियों के बारे में है, लेकिन वह अपनी अगली यात्रा के दौरान इसका खुलासा करेंगे। तब उन्होंने पेसा कानून लागू करने के संबंध में कोई घोषणा नहीं थी।
क्या है पेसा कानून?
1986 में पंचायती राज व्यवस्था में अनुसूचित इलाकों का विस्तार करते हुए पेसा कानून लागू किया गया था। इस कानून में तीन अहम बाते हैं- जल, जंगल और जमीन का अधिकार।
इस कानून के जरिए जमीन के अधिकार को सशक्त बनाया गया है। जमीन के इस अधिकारों के तहत आदिवासियों को मजबूत बनाने की बात कही गई है।
कानून के तहत आदिवासियों के मिलने वाले अधिकार:
- – पानी को स्टोर करने की व्यवस्था।
- – मिट्टी के कटाव को रोकने काम करना होगा।
- – आदिवासियों आसानी से नक्शा खसरा मिलेगा।
- – आदिवासी लोगों को जमीन से जुड़ी सुविधाएं दी जाएंगी।
- – आदिवासी अपनी जमीनों के लैंडयूज को नहीं बदल पाएंगे।
- – गैर-आदिवासी से अपनी जमीनों को वापस पाने का अधिकार।
अपने भाषण की शुरुआत में केजरीवाल ने अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के तीन जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को श्रद्धांजलि दी। दो मिनट का मौन रखा।
बाद में केजरीवाल ने कहा, “तीन सैन्य अधिकारियों की शहादत की दुखद खबर आने के बावजूद, बीजेपी दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में ‘जश्न’ में व्यस्त थी। ये देखकर पूरा देश दुखी हुआ।”
उन्होंने कहा कि एक और दुखद बात ये है कि प्रधानमंत्री ने शहीद जवानों पर, न तो कुछ बोला और न ही कोई ट्वीट किया।
केजरीवाल ने बीजेपी को चुनौती दी कि अगर उसमें साहस है, तो वो इंडिया का नाम बदलकर दिखाए। उन्होंने कहा कि ये देश उनके पिताजी का नहीं है, बल्कि ये देश के 140 करोड़ लोगों का है।
उन्होंने कहा, ”जब 28 विपक्षी दलों ने गठबंधन बनाया और इसका नाम ‘इंडिया’ रखा तो बीजेपी इतना परेशान हो गई कि उसने कहा कि वह इंडिया का नाम बदलकर भारत कर देगी। भारत आपके पिताजी का नहीं है, यह 140 करोड़ लोगों का है। मैं आपको चुनौती देता हूं कि यदि आपमें हिम्मत है तो नाम बदलकर दिखाएं।”
केजरीवाल ने कहा, “अगर आपने ऐसी कोशिश की तो 140 करोड़ लोग आपको देश से बाहर निकाल देंगे।” उन्होंने पूछा, “अगर गठबंधन का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए, तो क्या वे भारत का नाम भी बदल देंगे?”
‘एक देश, एक शिक्षा’ की जरूरत
केजरीवाल ने कहा कि देश को ‘एक देश, एक चुनाव’ नहीं बल्कि ‘एक देश, एक शिक्षा’ की जरूरत है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शाहरुख खान की ‘जवान’ फिल्म का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि फिल्म में शाहरुख कहते हैं कि जाति और धर्म के आधार पर वोट देने के बजाय आप वोट मांगने वालों से ये सवाल पूछें कि वे आपकी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए क्या करेंगे।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से देश के लोगों का क्या फ़ायदा होगा?
कुछ नहीं
देश के लोगों को ‘वन नेशन, वन एजुकेशन’ से फ़ायदा होगा।
जैसी शिक्षा अमीर के बच्चों को मिलती है, वैसी ही शिक्षा गरीब के बच्चों को भी मिलनी चाहिए। pic.twitter.com/Nc5YVeHLNU
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 16, 2023
उन्होंने कहा कि AAP देश की एकमात्र पार्टी है, जो आपको बताती है कि वो शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी बुनियादी सुविधाओं के लिए क्या करेगी।
उन्होंने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ के लोग AAP को मौका देंगे तो वे दोनों पार्टियों (बीजेपी और कांग्रेस) को भूल जाएंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी रैली को संबोधित किया।
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार किस्मत आजमाई थी। उस चुनाव में पार्टी ने 90 में से 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। उस चुनाव में पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाया था।
राज्य में इस साल होने वाले चुनाव में पार्टी ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसने 10 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है।
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