मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह लगातार सूबे में ग्राउंड जीरों पर एक्टिव दिखाई दे रहे हैं. वो अलग-अलग इलाकों के जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके बीच जा-जा कर साध रहे हैं. स्थानीय जातियों को भी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय उनके बीच जाकर मिल रहे हैं, ताकि सीधा संबंध स्थापित किया जा सके. इसी कड़ी में वो 16 अगस्त को भोपाल के 18 किलोमीटर के पथरीले रास्ते पर नंगे पांव पैदल यात्रा कर बरखेड़ी धाम पहुंचे और देव नारायण भगवान के दर्शन किए.
इस यात्रा और दर्शन के बाद दिग्विजय ने भले ही कहा हो कि ये पूरी तरह धार्मिक थी और इसके राजनीतिक मायने नहीं निकालने चाहिए. लेकिन चुनावी माहौल में कुछ भी यूं ही नहीं होता. राजनीति के जानकार दिग्विजय की इस यात्रा को गुर्जर समाज को पार्टी से जोड़ने की कवायद बता रहे हैं. देव नारायण भगवान गुर्जर समाज के आराध्य देव हैं. उनकी मान्यता न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि सूबे के बाहर रहने वाले गुर्जर समाज के लोगों में भी है.
मध्य प्रदेश में है 40 लाख गुर्जर, हर दल की नजर इनपर
वहीं, जिस बरखेड़ी गांव में दिग्विजय सिंह गए थे, उसी इलाके में लगभग 50 हजार गुर्जर समाज के लोग रहते हैं. मध्य प्रदेश की आबादी में भी गुर्जर समाज के लोगों की अच्छी खासी हिस्सेदारी है. सूबे में लगभग 40 लाख की आबादी इस समुदाय की बताई जाती है, जिसमें से 22 लाख लोग एक्टिव वोटर्स हैं. मध्य प्रदेश की 130 विधानसभा सीटों पर इनका असर रहता है. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही दलों की नजर इस समुदाय पर है.
१६ तारीख को भोपाल के बैरसिया क्षेत्र में स्थित देव बरखेड़ी धाम पहुंचकर गुर्जर समाज के आराध्य देव नारायण भगवान के दर्शन कर 18 किमी लंबी पैदल परिक्रमा की। pic.twitter.com/q3kGDNWv7T
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 17, 2023
पिछले चुनावों के पहले दिग्विजय ने की थी नर्मदा परिक्रमा
राजनीतिक जानकारों की मानें तो वोटों को इसी समूह को अपने पाले में खींचने की कवायद से 75 वर्षीय दिग्विजय सिंह ने पैदल इतनी कठिन यात्रा तय की. 2018 विधानसभा चुनावों के ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने 192 दिनों की नर्मदा परिक्रमा की थी. इस परिक्रमा के दौरान वो सूबे की 100 से भी ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों से गुजरे और इस यात्रा का लाभ उन्हें आगामी चुनावों में भी मिला.
2018 में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीती थी और सरकार बनाने में भी कामयाब हुई थी. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बागी हो जाने के बाद पार्टी के हाथ से सत्ता की कमान छूट गई. इस कमान को वापस पाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुर्जर समाज को लुभाने के लिए दिग्विजय सिंह ने यात्रा तय की है.
सर्वे दे बता रहे हैं सवर्ण, ओबीसी की पहली पसंद बीजेपी
यहां ये भी बता दें कि हाल ही में इंडिया टीवी- आईएनएक्स का सर्वे भी आया है, जिसमें सवर्ण, राजपूत और अन्य ओबीसी समुदायों का एकतरफा वोट बीजेपो की मिलते दिख रहा है. ऐसे में ओबीसी समुदाय को वोटर्स को लुभाने के लिए कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में और भी ऐसे कदम उठाते दिखाई दे सकती है.
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