जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के ऐलान से महीनों पहले सभी को चौंकाते हुए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मध्य प्रदेश (MP) के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, अब उसे देखते हुए सभी निगाहें राजस्थान पर भी टिकी हैं। हालांकि, ऐसा लगता है कि राजस्थान (Rajasthan) के मामले में पार्टी जल्दबाजी करना नहीं चाहती है। बजाए इसके बीजेपी न राज्य की उन सीटों की एक लिस्ट तैयार की है, जिन्हें वो ‘कमजोर’ मानती है। ये वो सीटें हैं, जहां और ज्यादा मेहनत की जरूरत है। पार्टी ऐसी सीटों पर मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। साथ ही पार्टी कांग्रेस या दूसरे किसी क्षेत्रीय दल के बागी नेताओं को भी टिकट देने से गुरेज नहीं करेगी।
The Print की एक रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया गया, बेहतर प्लानिंग के लिए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान की सीटों को भी कई कैटेगरी में बांटा है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर वेबसाइट से कहा, “पार्टी ने लगभग 50 सीटों की पहचान की है, जिनमें से 19 पर पार्टी कभी नहीं जीती है और बाकी को कमजोर माना जाता है।”
2018 में राज्य की कुल 200 सीटों में से कांग्रेस ने 99 और बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं। राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होंगे।
जिन सीटों को BJP कमजोर मानती है उनमें नवलगढ़, बस्सी, टोडाभीम, झुंझुनू और कोटपूतली शामिल हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के अलावा प्रोफेशनल सर्वे भी कराया है। 50 सीटें ऐसी चुनीं गई हैं, जिन पर काफी मेहनत करनी पड़ेगी। इन सीटों पर काम शुरू हो चुका है। इस बार इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए व्यक्तिगत रणनीतियां अपनाई जा रही हैं।
पार्टी के सूत्र के मुताबिक, पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान की 19 ‘कमजोर’ सीटों की लिस्ट भी जारी की जानी थी, लेकिन इसमें देरी हुई। क्योंकि पार्टी प्रचार समिति के प्रमुख पर फैसला नहीं कर पाई है।
BJP नेता ने कहा, “इस पद की जिम्मेदारी किसी मौजूदा सांसद, या कांग्रेस या फिर किसी क्षेत्रीय पार्टी के बागी नेता को सौंपने पर विचार किया जा रहा। इसके अलावा राज्य के किसी प्रमुख चेहरे को भी मैदान में उतारने की बातचीत चल रही है, कोई ऐसा जिस पर जनता भरोसा करती हो।”
नेता ने कहा, “इन कमजोर सीटों पर कांग्रेस का मुकाबला करने की अपनी रणनीति के तहत, पार्टी ने उन मुद्दों को उठाने का भी फैसला किया, जिससे बीजेपी को बढ़त दिलाने में मदद मिलती हो।”
बीजेपी नेता ने कहा, जैसा कि छत्तीसगढ़ में हुआ है, पार्टी इनमें से कुछ सीटों पर कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के साथ-साथ, मौजूदा सांसदों को भी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।
ये बताते हुए कि पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कैसे तैयारी कर रही है, नेता ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व का विचार है कि “नए चेहरों” को मौका दिया जाना चाहिए।
पांच बार के विधायकों को युवाओं के लिए रास्ता साफ करने का निर्देश
वेबसाइट से पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “जो लोग पांच बार से विधायक हैं, उन्हें युवा चेहरों के लिए रास्ता बनाने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि, उन्हें अपने अनुभव का इस्तेमाल करके पार्टी की मदद करने के लिए कहा गया है, और कहा गया है कि उन्हें दूसरी जिम्मेदारियां दी जाएंगी।”
कांग्रेस शासित राजस्थान में विधानसभा चुनावों को पार्टी कितनी अहमियत दे रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने पहले ही राज्य की हर एक विधानसभा का जिम्मा दूसरे राज्यों के विधायकों को सौंपा है।
बीजेपी नेता ने कहा, “एक विधायक को एक सीट की जिम्मेदारी दी गई है। विधायक एक विशेष सीट पर एक हफ्ता बिताएंगे और केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक रिपोर्ट देंगे।” उन्होंने आगे बताया, ये फीडबैक उन प्रोफेशनल सर्वे से अलग होगा, जो केंद्रीय नेतृत्व पहले ही करा चुका है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व रिपोर्ट के आधार पर ही टिकट का फैसला करेगा। इसलिए टिकट बंटवारे में ये फिडबैक रिपोर्ट काफी मायने रखती है। बाहर से लाए जा रहे ज्यादातर विधायक गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से होंगे।
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