मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों में अब दो से तीन महीनों का समय बाकी है. राज्य के दोनों प्रमुख दल- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस रणनीतियां बनाने और अलग-अलग जातिगत समीकरण के हिसाब से चालें चलने लगे हैं. इसी बीच इंडिया टीवी सीएनएक्स का सर्वे आया है. इस सर्वे में किस पार्टी को किस जाति से कितना वोट मिलना है, इसका अनुमान लगाया गया है.
मोटे तौर पर इस सर्वे के हिसाब से भारतीय जनता पार्टी को सवर्ण जातियों के वोट एकतरफा मिलते दिख रहे हैं. कांग्रेस की हालत सवर्ण वोटों के मामले में काफी खराब दिखाई दे रही है. ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर्स के मामले में भी बीजेपी ने बाजी मार ली है. इंडिया टीवी सीएनएक्स के सर्वे के मुताबिक बीजेपी को इस वर्ग से वोटों की भरमार मिलती दिखाई दे रही है.
India TV CNX सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में ब्राह्मण, राजपूत और ओबीसी समुदाय के वोट एकतरफा बीजेपी को, तो दलित, आदिवासी और मुसलमान समुदाय के वोट एकतरफा कांग्रेस को मिल रहे हैं.
— Nitesh Ojha (@niteshojha786) August 16, 2023
सूबे की 82 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इन सीटों पर जो दल ज्यादा सीट हासिल करता है उसकी सूबे में सरकार बनने का पैटर्न कुछ समय से नोटिस किया गया है. बीजेपी को जहां सवर्ण और ओबीसी वोटों की भरमार मिली थी, वहीं दलित और आदिवासी वोटों में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है. दलित और आदिवासी के अलावा कांग्रेस पार्टी को मध्य प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के एकतरफा वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश में बीजेपी का सवर्णों पर कब्जा कायम
मध्य प्रदेश में सवर्ण वोटर्स पर बीजेपी का कब्जा इंडिया टीवी सीएनएक्स के सर्वे में दिखाई दे रहा है. बीजेपी को ब्राह्मणों के 82 फीसदी, राजपूतों के 72 फीसदी और अन्य सवर्ण जातियों के 78 फीसदी वोट मिलने का अनुमान सर्वे में किया गया है. वहीं कांग्रेस को 10 फीसदी ब्राह्मण, 19 फीसदी राजपूत और 15 फीसदी अन्य सवर्ण जातियों के वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं. 8 फीसदी ब्राह्मण, 9 फीसदी राजपूत और 7 फीसदी अन्य सवर्ण जातियों ने सूबे की दोनों प्रमुख पार्टियों को नकारते हुए अन्य के प्रति रुचि दिखाई है.
क्या ओबीसी के दम पर मध्य प्रदेश जीतेगी बीजेपी
इंडिया टीवी आईएनएक्स के सर्वे में सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ा ओबीसी वोटर्स का है. सर्वे के मुताबिक 61 फीसदी ओबीसी समुदाय के लोगों की पसंद बीजेपी है. कांग्रेस पार्टी को सर्वे के मुताबिक 29 फीसदी ओबीसी वोट ही मिलते दिख रहे हैं. अगर ये आंकड़े चुनावी नतीजों में भी तब्दील होते हैं तो बीजेपी के लिए खुशखबरी ला सकते हैं. 10 फीसदी ओबीसी समुदाय ने दोनों ही प्रमुख दलों की जगह अन्य को चुना है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिलेगा दलितों का साथ
सर्वे में कांग्रेस पार्टी के लिए राहत का आंकड़ा दलित और आदिवासी समुदाय की तरफ से आया है. सूबे में 35 सीटें दलित समाज के लिए आरक्षित हैं. वहीं कई सीटों पर इस वर्ग का अच्छा खासा प्रभाव रहता है. सर्वे के मुताबिक दलित समाज के 50 फीसदी वोट कांग्रेस पार्टी को मिलते दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी को सिर्फ 21 फीसदी दलित समुदाय के वोट मिलते दिख रहे हैं. ये आंकड़ा अन्य उम्मीदवारों को मिलने वाले 29 प्रतिशत वोट से भी कम है.
आदिवासी और मुसलमान की पसंद कांग्रेस
आदिवासी समुदाय की भी पहली पसंद कांग्रेस पार्टी ही सर्वे के मुताबिक बताई जा रही है. आदिवासी समुदाय की ओर से कांग्रेस पार्टी को 59 फीसदी वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं. वहीं बीजेपी को इस समुदाय से 30 फीसदी ही वोट मिल रहे हैं. सर्वे के मुताबिक 11 फीसदी आदिवासी वोटरों ने न ही बीजेपी को चुना है और न ही कांग्रेस को. सूबे की 47 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में जिस दल ने इस वर्ग को साध लिया उसे चुनावी बढ़त तय है.
कांग्रेस पार्टी के लिए एक और राहत भरा आंकड़ा मुस्लिम समुदाय की तरफ से है. मुस्लिम समुदाय की एकतरफा यानी 80 फीसदी की पसंद कांग्रेस पार्टी है. वहीं बीजेपी को इस समुदाय से महज 7 फीसदी ही वोट मिलते दिख रहे हैं. सर्वे की मानें तो 13 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय को वोट अन्य उम्मीदवारों को मिलेगा.
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